दूरियों में ज़िन्दगी मिल जाएगी...!


संपादक: प्रमोद तिवारी (प्रचंड राही)


एशिया लाइट, लखनऊ।


 



अच्छी  खासी ज़िन्दगी में,


खलबली मचा दी ।


करोना ने विश्व की,


हलचलें बढ़ा दी ।।


प्रचंड व्यर्थ का रोना,


आखिर कब तक रोओगे..?


कोराना के कहर को कब तक ढोओगे।


सदा अपना संघर्ष जारी रखेगा ये हिन्द,


जब तलक अखियों में इसके ,नीर रहेगा


सनातनी खून है इसकी रगों में, हे ड्रेगन..!


पर विश्व पटल पर तू एक बैगन ही रहेगा ।।



आने वाले कल में, यह घड़ी भी टल जायेगी,


आपदाओं की चौकड़ी,


मन के धीरज से कटजायेगी


पर ये कोविड़- 19  है यारों,इसमें


करीबी घातक होगी,मगर 


दूरियों से तुझको,जिंदगी मिल जायेगी ।।